पर्यावरणविद अनुपम मिश्र का 68 वर्ष की उम्र में निधन

Jansatta

पर्यावरणविद अनुपम मिश्र का 68 वर्ष की उम्र में निधन"


Play all audios:

Loading...

प्रसिद्ध पर्यावरणविद, जल संरक्षण कार्यकर्ता और गांधीवादी अनुपम मिश्रा का सोमवार दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वो 68 साल के थे। मिश्र पिछले कुछ सालों से प्रोस्ट्रैट कैंसर से पीड़ित


थे। मिश्र को पर्यावरण क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1996 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आज भी खरे हैं तालाब (1993) और राजस्थान की रजत बूंदें (1995) उनकी चर्चित


किताबें हैं।मिश्र गांधी शांति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी एवं राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि के उपाध्यक्ष थे। मिश्र के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। मिश्र के पिता भावनी प्रसाद मिश्र प्रसिद्ध


कवि थे। मिश्र के निधन पर जनसत्ता के पूर्व संपादक और वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने लिखा है, “हमारे समय का अनुपम आदमी – ये शब्द प्रभाष जोशीजी ने कभी अनुपम मिश्र के लिए लिखे थे। सच्चे, सरल, सादे,


विनम्र, हँसमुख, कोर-कोर मानवीय। इस ज़माने में भी बग़ैर मोबाइल, बग़ैर टीवी, बग़ैर वाहन वाले नागरिक। दो जोड़ी कुरते-पायजामे और झोले वाले इंसान। गांधी मार्ग के पथिक। ‘गांधी मार्ग’ के सम्पादक।


पर्यावरण के चिंतक। ‘राजस्थान की रजत बूँदें’ और ‘आज भी खरे हैं तालाब’ जैसी बेजोड़ कृतियों के लेखक।” राजकमल प्रकाश समूह से जुड़े सत्यानंद निरुपम ने मिश्र को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, “साफ


माथे का मानुष चला गया! कचरामुक्त समाज के स्वप्न का बीज हम सबके मन और मष्तिष्क में डाल कर। बिरले मिलता है अनुपम मिश्र जैसा कोई। सादगी और विनम्रता, स्पष्ट और सशक्त विचार- उनके आचरण में और लेखन


में हमेशा मैंने यही पाया। वे सिर्फ समाज में तालाब और तालाब में पानी के होने की अहमियत बताने वाले नहीं थे। बल्कि उन्होंने अपने आचरण से यह दर्शाया कि मनुष्य की आँखों और हृदय में भी पानी का


होना कितना जरूरी है।…” मिश्र का जन्म 1948 में महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था। 1969 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके वो दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़ गए थे। मिश्र पर्यावरण और जल


संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को बचाने पर जोर देते थे। उनकी किताब “आज भी खरे हैं तालाब” की 13 भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है। वो गांधी शांति प्रतिष्ठान से निकलने वाली द्विमासिक पत्रिका गांधी


मार्ग का संपादन करते थे। मिश्र का शव अंतिम दर्शन के लिए गांधी शांति प्रतिष्ठान में रखा गया है। सोमवार दोपहर 12 उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट के विद्युत शवदावगृह ले जाया जाएगा।


Trending News

Rcb vs gg, wpl 2025: मंधाना, पेरी, ऋचा फ्लॉप, अपने घर में गुजरात के खिलाफ आरसीबी की निराशाजनक बल्लेबाजी

RCB VS GG, WPL 2025: आरसीबी का विमेंस प्रीमियर लीग के तीसरे सीजन में निराशाजनक प्रदर्शन जारी है. आरसीबी अपने घर एम चिन्न...

Mumbai saga movie review: भाईगिरी और एनकाउंटरगिरी की मसालेबाजी है मुंबई सागा

MUMBAI SAGA, MOVIE REVIEW, RATING: ज्यादा बड़ा अपराधी कौन है – लोगों पर गोली चलाने वाला गैंगस्टर, या अपने फायदे के लिए द...

Coronavirus (covid-19): नोएडा में 17 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू

CORONAVIRUS (COVID-19): गाजियाबाद के बाद नोएडा में भी नाइट कर्फ्यू लग गया है. नोएडा में 17 अप्रैल 2021 तक नाइट कर्फ्यू ल...

JD(U) MP Sanjay Kumar Jha urges Centre to rename Bihar's Darbhanga airport after poet Vidyapati

Newsletters ePaper Sign in HomeIndiaKarnatakaOpinionWorldBusinessSportsVideoEntertainmentDH SpecialsOperation SindoorNew...

यूपी : मोदी से प्रेरणा लेकर पंचायत चुनाव में उतरीं चायवाली मीनाक्षी - up panchayat election 2021: inspired by modi, tea-seller in fray - satya hindi

सत्य हिन्दी कुछ पत्रकारों की अपनी कोशिश है। जब मुख्यधारा का मीडिया देख कर न देखे, सुन कर न सुने, गोद में हो, लोभ में हो ...

Latests News

पर्यावरणविद अनुपम मिश्र का 68 वर्ष की उम्र में निधन

प्रसिद्ध पर्यावरणविद, जल संरक्षण कार्यकर्ता और गांधीवादी अनुपम मिश्रा का सोमवार दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। ...

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने के बाद पंत ने मां को लिखा इमोशनल मैसेज, इस बात के लिए कहा ‘धन्यवाद’

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने के बाद पंत ने मां को लिखा इमोशनल मैसेज, इस बात के लिए कहा ‘धन्यवाद’ | Jansatta...

आईआईटी बीएचयू के 13वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए धर्मेंद्र प्रधान, 1954 विद्यार्थियों को उपाधि देकर सम्मानित किया

वाराणसी, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे। यहां पर...

चार माह में एक स्टेप भी नहीं चली ट्रैफिक पुलिस

BY: INEXTLIVE | Updated Date: Thu, 28 Nov 2019 05:45:23 (IST) RANCHI: रांची ट्रैफिक पुलिस को अपर बाजार को जाम मुक्त बनान...

बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा: दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी जज

बिहार में भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के भरौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14वां रैंक प्...

Top