दुनिया मेरे आगेः अनुभव का पाठ

Jansatta

दुनिया मेरे आगेः अनुभव का पाठ"


Play all audios:

Loading...

प्रतिभा कटियार शिक्षा की दशा और दिशा क्या हो, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता रहा है कि शिक्षक तैयार करने वाले संस्थान शिक्षक को उसकी खुद की तैयारी के दौरान किस-किस तरह के अनुभव उपलब्ध


करते हैं। मोटे तौर पर इन अनुभवों को दो पक्षों में रख कर समझा जा सकता है। एक, शिक्षक की शिक्षा को लेकर सैद्धांतिक समझ को पुख्ता करने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं, जो शिक्षा के उद्देश्य और


विषयों की प्रकृति, विषय वस्तु और शिक्षण शास्त्र को समझने में मदद करें। दूसरा, शिक्षक-प्रशिक्षु को धरातलीय अनुभव देने के लिए इंटर्नशिप या प्रशिक्षण के दौरान स्कूल में बिताए जाने वाले समय के


अनुभव की सार्थकता को बढ़ाने के लिए क्या किया गया है। हालांकि पिछले कुछ दशकों में नीतिगत दस्तावेजों में इन अनुभवों को सही तरीके से आयोजित करने की वकालत की जाती रही है, फिर भी


शिक्षक-प्रशिक्षुओं को धरातलीय अनुभव संबंधी आवश्यकता को शिक्षक शिक्षा में नजरअंदाज किया जाता रहा है। स्कूल स्तरीय अनुभवों को लेकर न तो शिक्षक-शिक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं ने इसे संजीदगी


से लिया है और न ही शिक्षक-प्रशिक्षुओं ने। इसका गहराई से अध्ययन करने पर समझ में आता है कि स्कूलों का चयन, संबंधित स्कूल के शिक्षक/ प्रधान शिक्षकों की इंटर्नशिप को लेकर उनकी अपनी भूमिका की


समझ, शिक्षक-प्रशिक्षुओं की इंटर्नशिप के दौरान की गतिविधियों को निर्धारित करने में उनके शैक्षिक अनुभवों को नजरअंदाज किया जाना, नियमित समीक्षा और अभिलेखीकरण जैसे महत्त्वपूर्ण पहुलओं को लेकर


अक्सर कोई विशेष योजना नहीं होती है। मसलन, स्कूल के चयन के दौरान ध्यान इस बात पर ज्यादा केंद्रित रहता है कि स्कूल शिक्षक-प्रशिक्षु और संबंधित संस्थान के शिक्षक-प्रशिक्षक की पहुंच के लिए


सुगम्य हो, बजाय इसके कि स्कूल शिक्षक-प्रशिक्षु को बेहतर अनुभव देने के लिए पर्याप्त योग्यताएं रखता हो। जैसे स्कूल का प्रबंधन प्रभावी तरीके से किया जाता हो, शिक्षण प्रक्रिया व्यवस्थित तरीके से


आयोजित होती हो, स्कूल समाज के प्रगतिशील संस्थान के तौर पर दिखता हो। विगत में हुए शोध इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि स्कूली अनुभव रखने वाले शिक्षक प्रशिक्षु अपनी मान्यताओं की जांच में अधिक


रुचि लेते हैं, जबकि अनुभवविहीन शिक्षक-प्रशिक्षु स्कूल में सीखने की जिज्ञासा रखते हैं और विभिन प्रकार के अनुभवों का रसास्वादन करना चाहते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए अनुभवी एवं गैर


अनुभवी शिक्षक प्रशिक्षुओं के इंटर्नशिप के अनुभव के लिए अलग-अलग कार्य-योजना बनानी चाहिए। स्कूल के शिक्षकों खासकर प्रधान-शिक्षकों की इस योजना में बराबर की भागीदारी हो, ताकि वे इंटर्नशिप के


दौरान शिक्षक प्रशिक्षुओं की व्यवस्थित तरीके से मेंटरिंग की जिम्मेवारी को वहन कर सकें। स्कूल और शिक्षक-शिक्षा संस्थान के बीच औपचारिक और व्यवस्थित समन्वय की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। पिछले


कुछ वर्षों में अनेक संस्थानों द्वारा शिक्षक-प्रशिक्षुओं को अपने अनुभव का अभिलेखीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की है, इसमें सुधार किए जाने की जरूरत है। मसलन, शिक्षक क्या लिख रहे हैं, कैसे लिख


रहे हैं, इसे लिखने के पीछे के क्या तर्क/ चिंतन हैं, आदि पर विस्तार से बातचीत होनी चाहिए, ताकि इन अनुभवों को लिखने से वे एक चिंतनशील शिक्षक के रूप में खुद को तैयार कर पाएं और अपने आपको एक


पेशेवर शिक्षक के रूप में स्थापित कर पाएं। इंटर्नशिप की प्रक्रिया के दौरान एक बात और उभर कर सामने आती है कि इन शिक्षक-प्रशिक्षुओं के साथ जुड़े शिक्षक प्रशिक्षक व्यवस्थित रूप से किसी भी


विद्यालय से जुड़े हुए नहीं होते हैं। जो होते भी हैं तो यह उनकी व्यक्तिगत रुचि के चलते होता है। इस व्यवस्था में संस्थान स्तर पर अविलंब बदलाव लाने की आवश्यकता है। मसलन, हरेक शिक्षक-प्रशिक्षक को


माह में कुछ दिन स्कूली स्तर पर अवश्य गुजारने की व्यवस्था की जानी चाहिए, जहां वे औपचारिक रूप से अपने संस्थान की सहमति से लिए गए निर्णय के अनुसार स्कूल स्तर पर विद्यालय प्रबंधन, कक्षा-कक्ष


प्रबंधन, पाठ-योजना निर्माण, समय प्रबंधन, विद्यार्थी-अनुपस्थिति, सामुदायिक सहभागिता, अभिलेखीकरण जैसे विशिष्ट विषयों पर अपने अनुभवों को समृद्ध कर सकें और शिक्षक प्रशिक्षुओं के साथ विचार विमर्श


के दौरान सैद्धांतिक समझ और धरातलीय अनुभवों को जोड़ कर सशक्त शिक्षक-प्रशिक्षु तैयार कर सकें। कुल मिलाकर देखें तो इंटर्नशिप के अनुभवों को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक-प्रशिक्षक तथा शिक्षक


प्रशिक्षुओं दोनों को ही अपने निरंतर सीखने की प्रणाली में स्कूली अनुभवों से खुद को जोड़ने की जरूरत है। ऐसा इसलिए कि उनकी समझ इन भावी शिक्षकों को स्कूल में प्रभावी तरीके से अपने स्कूल के दैनिक


संघर्षों का कुशलता से सामना करने और बच्चों की सीखने की क्षमताओं को नए आयाम देने में सार्थक रूप से योगदान कर सके। राज्य स्तरीय शिक्षण संस्थान को इस पर गहराई से सोच विचार करते हुए कदम उठाने की


जरूरत है, ताकि उनके अधीनस्थ सभी शिक्षण संस्थान इन्हें एक दूसरे से जोड़ते हुए ऐसे शिक्षक तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ सकें, जो न केवल शिक्षा और स्कूली स्तर के विषयों में पुख्ता समझ रखते हों,


बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने की क्षमता और समझ में भी दक्ष हों।


Trending News

Israel hamas war: गाजा से कब तक होगा हमास का खात्मा, इजरायल बताया क्यों नहीं मिली अब तक सफलता?

ISRAEL HAMAS WAR: इजराइल ने गाजा पट्टी में पिछले डेढ़ साल में भारी तबाही मचाई है. बावजूद इसके उसका हमास को पूरी तरह से ख...

ये खास बिजनेस कर इस लड़के ने कमाया मोटा पैसा, 25 साल की उम्र में तो बचा लिए करोड़ों रुपये

25 साल के साहिल अभी रियल एस्टेट एजेंट के लिए कार्यकारी सहायक के रुप में काम कर रहे हैं. हर किसी की इच्छा होती है कि वो क...

'Women ko aap kaise...': Kangana Ranaut says she rejected item song in Sanjay Leela Bhansali's Ram-Leela

Kangana Ranaut trolled for saying she rejected the item song in Sanjay Leela Bhansali's Goliyon Ki Raasleela Ram-Leela.U...

समझिए राजस्थान विधानसभा का ताजा गणित, कैसे बचेगी अशोक गहलोत की कुर्सी

RAJASTHAN ASSEMBLY : राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं और बहुमत के लिए 101 विधायकों का समर्थन जरूरी है। By ARVIND ...

Covid-19 ले लेगा 20 लाख जानें- विश्व में महामारी के फैलाव के बीच who ने किया आगाह

कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग देश इस महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन की तलाश मे...

Latests News

दुनिया मेरे आगेः अनुभव का पाठ

प्रतिभा कटियार शिक्षा की दशा और दिशा क्या हो, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता रहा है कि शिक्षक तैयार करने वाले संस्थान...

‘जय हो’ में डब्बू मलिक के बेटे अमल देंगे म्यूजिक

BY: KUSHAL MISHRA | Updated Date: Mon, 02 Dec 2013 16:40:00 (IST) अमल सलमान की अपकमिंग फिल्म ‘जय हो’ का म्यूजिक कंपोज कर...

Yellow alert issued for 15 districts in Chhattisgarh, there will be rain with strong winds छत्तीसगढ़ में 15 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी, तेज हवा के स

Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Yellow alert issued for 15 districts in Chhattisgarh, there will be rain with strong windsछत्ती...

घायल बाघ को पकड़ने के लिए 18 लोगों को 7 घंटे करनी पड़ी कड़ी मशक्कत, यह थी वजह

हल्द्वानी के गौलापार के दानीबंगर क्षेत्र में घायल बाघ दिखने से इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की 15 लो...

मनियारी में कब्रिस्तान की चहारदीवारी का शिलान्यास

मनियारी के मोरनिष्फ में शुक्रवार को सांसद अजय निषाद ने कब्रिस्तान की चहारदीवारी का शिलान्यास किया। मौके पर उपस्थित लोगों...

Top