20 पैसे से हुई थी ताज के टिकट की शुरूआत
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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Thu, 11 Mar 2021 16:56:02 (IST) -400 गुना बढ़ गए ताज पर टिकट के दाम - सन् 1966 में शुरू हुई ताज पर टिकट की व्यवस्था - सन् 2000 हजार के बाद भारतीय और विदेशी टिकट
की अलग-अलग टिकट की व्यवस्था हुई शुरू - 10 बार बदल चुके हैं ताज पर टिकट के दाम आगरा। एडीए ने ताजमहल सहित अन्य मॉन्यूमेंट्स के टिकट के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। अब शासन से मंजूरी
के बाद ताजमहल सहित अन्य मॉन्यूमेंट्स पर नए टिकट के दाम प्रभावी हो जाएंगे। इसके बाद ताजमहल पर एंट्री के लिए भारतीय टूरिस्ट्स को 80 रुपये और विदेशी टूरिस्ट्स को 1200 रुपये देने होंगे। लेकिन
क्या आपको पता है कि जब ताजमहल पर टिकट लगना शुरू हुआ तो इसकी शुरूआत 20 पैसे से हुई थी। सरकारी खजाना भी भर रहा ताजमहल टूरिज्म का मुख्य आकर्षण केंद्र है। भारत घूमने आने वाले करीब 60 फीसदी
विदेशी टूरिस्ट्स ताजमहल का दीदार जरूर करते हैं। इसके साथ ही देश भर के टूरिस्ट्स की भी ख्वाहिश एक बार ताजमहल निहारने और उसके साथ फोटो खिंचवाने की रहती है। इसी वजह से एएसआई और एडीए का खजाना भी
भर रहा है। 1966 से पहले ताजमहल पर एंट्री पूरी तरह से फ्री थी। एएसआई के मुताबिक 1966 से पहले ताजमहल पर टिकटिंग व्यवस्था नहीं थी। भारतीय और विदेशी टूरिस्ट्स बिना टिकट के ही ताजमहल घूमा करते
थे। सन् 1966 में पहली बार भारतीय और विदेशी टूरिस्ट्स के लिए 20 पैसे का टिकट ताजमहल पर निर्धारित किया गया। फिर धीरे-धीरे इस टिकट के दाम बढ़ते गए और सन् 1976 में ताजमहल का टिकट भारतीय और
विदेशी टूरिस्ट्स के लिए 2 रुपये का हो गया। वर्तमान में भारतीयों के लिए टिकट 50 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 1100 रुपए का हो गया। एडीए के प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल जाती है, तो भारतीय
टूरिस्ट्स के लिए 80 और विदेशी टूरिस्ट्स के लिए 1200 रुपये की टिकट हो जाएगी। साल 2000 में बदल दी टिकटिंग व्यवस्था भले ही साल 1966 में ताजमहल पर पहली बार 20 पैसे के टिकट की व्यवस्था शुरू की गई
थी। धीरे-धीरे यह टिकट बढ़ता ही चला जा रहा है। साल 2000 में एएसआई की ओर से ताजमहल की टिकटिंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया। इसके तहत भारतीय टूरिस्ट्स और विदेशी टूरिस्ट्स की अलग-अलग टिकट की
व्यवस्था की गई। इस नए नियम के तहत भारतीय टूरिस्ट्स को 15 रुपये और विदेशी टूरिस्ट्स को 505 रुपये का टिकट लेकर एंट्री की व्यवस्था कर दी गई। इसके बाद साल 2000 में ही 28 अक्टूबर को बदलाव किया
गया और भारतीय टूरिस्ट्स के लिए टिकट का रेट 20 रुपये और विदेशी टूरिस्ट्स के लिए 970 रुपये कर दिया गया। ताजमहल और अन्य मॉन्यूमेंट्स के टिकट के रुपयों में एएसआई के बाद एक बड़ा हिस्सा आवास विकास
प्राधिकरण (एडीए) भी लेता है। 2018 में मेन मसोलियम के लिए अलग टिकट ताजमहल एकमात्र ऐसा स्मारक है, जहां स्टेप टिकटिंग व्यवस्था लागू है। अगस्त 2018 में ताज महल की टिकट बढ़ाने का कारण टूरिस्ट्स
की बढ़ती संख्या था। हालांकि टिकट बढ़ने पर भी टूरिस्ट्स की संख्या में कोई कमी नहीं आई। ताजमहल के दीदार करने वालों की संख्या लगातार बढ़ने लगी, तो एएसआई ने दिसंबर 2018 को ताजमहल पर स्टेप
टिकटिंग की व्यवस्था लागू कर दी। इसके तहत अब ताजमहल के मेन मसोलियम का दीदार करने के लिए भारतीय और विदेशी टूरिस्ट्स को 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट लेना पड़ता है। साल- टिकट दर 1966- 20 पैसे
1969- 50 पैसे 1976- 2 रुपये 1995- 10.50 रुपये 1996- 15 रुपये साल 2000 से टिकट की नई व्यवस्था हुई लागू साल टिकट दर(भारतीय टूरिस्टस) टिकट दर(विदेशी टूरिस्टस) 2000- 15 रुपए 505 रुपए 2000- 20
रुपए 970 रुपये (28 अक्टूबर के बाद) 2001- 20 रुपए 750 रुपए 2016- 40 रुपए 1000 रुपए 2018- 50 रुपए 1100 रुपए (एडीए को शासन से मंजूरी के बाद ये होंगे रेट) 2021 80 रुपए 1200 रुपए
---------------------------------- वर्जन ताजमहल पर पहले टिकट का कोई प्रावधान नहीं था। इसके बाद सरकार ने 1966 में ताज पर टिकट लेना शुरू कर दिया। तब से अब तक ताज पर टिकट के रेट बढ़ते चले गए।
कोविड के बाद ताज की टिकट बढ़ाना टूरिज्म के लिए मुश्किल साबित होगा। -प्रहलाद अग्रवाल, प्रेसिडेंट, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन ताजमहल पर सरकार अपनी मर्जी से टिकट बढ़ाती आई हैं। लेकिन इस
स्थिति में टूरिज्म की स्थिति चरमराई हुई है। इस स्थिति में मॉन्यूमेंट्स के रेट बढ़ना गलत है। हम इसका विरोध करेंगे। -राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, होटल एंड टूरिज्म एसोसिएशन
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